Maize farming: खरीफ makka की खेती से धान से ज्यादा मुनाफा ?

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Maize farming: खरीफ makka की खेती से धान से ज्यादा मुनाफा ?

Maize farming: खरीफ makka की खेती से धान से ज्यादा मुनाफा ? नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपकी जानकारी के लिए लेकर आए हैं कि जैसे कि आप जानते हैं खरीफ की फसल में मक्का तथा धन दोनों भूल जाती है लेकिन आप आप धन से ज्यादा मुनाफा मक्का से कमा सकते हैं अगर आपने हमारी बताई गई टिप्स को अपनाया जल संकट वाले क्षेत्रों में मक्का की खेती अधिक फायदेमंद है. मक्का की फसल सूखा सहनशील होती है और विविध प्रकार की जलवायु में भी अच्छी उपज देती है. धान की फसल को मॉनसून की भारी वर्षा की जरूरत होती है. मक्का की खेती कम पानी, कम लागत और बेहतर मूल्य प्राप्ति की संभावनाओं के कारण खरीफ में धान की तुलना में अधिक लाभदायक हो सकती है. सही तकनीकों और समय का पालन करके किसान मक्का की खेती से अधिक उत्पादन और लाभ कमा सकते हैं.

Maize farming: खरीफ makka की खेती से धान से ज्यादा मुनाफा ?

तो आइए दोस्तों हम जानते हैं कि मक्का की खेती हमारे लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है तथा यहां धान के फायदे कैसे अधिक फायदा कर सकेगी हमको तो हम देखते हैं खरीफ मक्का को 627-628 मिमी प्रति हेक्टेयर पानी की जरूरत होती है, जबकि धान को औसतन 1000-1200 मिमी प्रति हेक्टेयर पानी की जरूरत होती है. मक्का की विकास अवधि धान की तुलना में कम होती है, जिससे कीट प्रबंधन की लागत कम हो जाती है. 2010-11 से 2020-21 तक मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वार्षिक वृद्धि दर धान और गेहूं की तुलना में सबसे अधिक है, जो हर साल 7 परसेंट की दर से बढ़ रही है. कम जलभराव और कम बारिश वाले क्षेत्रों में या ऊंची और मध्यम जमीनों पर मक्का की खेती धान की तुलना में बेहतर विकल्प हो सकती है.

Makka की खेती के लिए क्या क्या जरूरी बातें हैं?

आई दोस्तों हम जान जानना चाहेंगे कि इस बार मक्का हमारे लिए कैसा फायदा कर सकती है तथा हमें किन बातों का ध्यान रखते हुए Makka की खेती करना चाहिए makka अनुसंधान सस्थान, लुधियाना (IIMR) के अनुसार, मक्का पानी भराव के प्रति बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए इसे अच्छी जल निकासी वाली बालू-मटियार से सिल्टी-मटियार मिट्टी पर उगाना बेहतर होता है. बुवाई का सबसे अच्छा समय 20 जून से जुलाई के अंत तक होता है. हालांकि यह मॉनसून की शुरुआत के समय पर निर्भर करता है. मक्का को बीज अंकुरण और जड़ वृद्धि के लिए भुरभुरी, महीन और समतल मिट्टी की जरूरत होती है. उन क्षेत्रों में जहां पानी भराव हो सकता है, जल्दी बुवाई करना उचित होता है ताकि पौधे पानी भराव के कारण गिरने से बच सकें.

Makka में कब और कितना खाद और उर्वरक देना चाहिए?

दोस्तों अगर हम Makka में उचित मात्रा में खाद तो उर्वरक देंगे जिससे मक्का के पौधे अच्छे पौष्टिक रहेंगे जो हमारे उत्पादन क्षमता को बढ़ाएंगे तथा हमें अधिक मात्रा में मुनाफा होगा इसके लिए हमें विशेष ध्यान रखिए हमें उचित मात्रा में तथा उचित समय पर खाद और उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए तो Makka के लिए लंबी अवधि की किस्मों के लिए 100 किलो यूरिया, 55 किलो डीएपी, 160 किलो एमओपी और 10 किलो जिंक की जरूरत होती है. बुवाई के समय 33 यूरिया, 55 डीएपी, 160 एमओपी, 10 जिंक सल्फेट का उपयोग करना चाहिए, शेष यूरिया को दो भागों में बांटकर दिया जाता है जबकि कम अवधि की किस्मों के लिए 75 किलो यूरिया, 27 किलो डीएपी, 80 किलो एमओपी और 10 किलो जिंक की जरूरत होती है. बुवाई के समय 25 किलो यूरिया, 27 किलो डीएपी, 80 किलो एमओपी, 10 किलो जिंक सल्फेट का उपयोग करना चाहिए हैं.

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